हरियाणा रोडवेज बाहरी मजदूरों को घर तक पहुंचाने में मददगार साबित हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार के आग्रह पर 1000 रोडवेज बसें मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए शनिवार को रवाना की गई थी। ये बसें उत्तर प्रदेश व बिहार के अनेक जिलों में यात्रियों को छोड़कर अब वापस लौट रही हैं। शनिवार को दिल्ली में बने हालात के बाद इन बसों को भेजा गया था। रोडवेज के रोहतक, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल व दिल्ली डिपो की बसों को मजदूरों को घर तक छोड़ने का जिम्मा मिला था।
सैकड़ों रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सामाजिक व नैतिक जिम्मेदारी बखूबी निभाई। रोडवेज कर्मचारियों को 28 मार्च रात 9:30 बजे अचानक ड्यूटी पर बुलाया गया। विभागीय अधिकारियों ने उन्हें बस लेकर दिल्ली जाने के आदेश दिए। दिल्ली पहुंचने पर बाहरी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का जिम्मा रोडवेज कर्मचारियों को सौंपा गया।
हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनियां, उप महासचिव बलबीर जाखड़, प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा एवं राज्य कार्यालय सचिव जयकुंवर दहिया ने बताया कि मजदूरों की सच्चाई जानकर बहुत दुख हुआ है। उनके पास खाने के लिए राशन नहीं था, दुकानदार उधार राशन नहीं दे रहे थे। मकान मालिक ने कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से उन्हें घर से जाने के लिए बोल दिया था। इसी मजबूरी में उन्हें छोटे बच्चों व समान के साथ घर को निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सभी डिपो के रोडवेज कर्मचारियों ने मजदूरों को ऐसे डर के माहौल में उनके घर पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया है। जिसके लिए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन सभी कर्मचारियों का आभार व्यक्त करती है।
अब नहीं जाएगी कोई बस
परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने कहा है कि हरियाणा से अब दूसरे प्रदेश के लिए कोई और बस नहीं जाएगी। शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहने और दिल्ली के हालात को देखते हुए 1000 बसें भेजी थीं। अब कोई बस नहीं चलेगी, लोग अपने घरों में रहें, बाहर न निकलें।
डिपो अनुसार भेजी गई बसें
रोहतक-100
सोनीपत 153
पानीपत 75
फरीदाबाद 125
गुरुग्राम 100
पलवल 75
नूंह 75
झज्जर 125
रेवाड़ी 100
जींद 34